द गर्ल इन रूम 105–५८
हो सकता है, आ जाए। शायद तीन साल बाद। लेकिन तब तक इंस्पेक्टर राणा एसीपी राणा बन चुके होंगे।
इस पुलिस चौकी की बकवास से बाहर तब लक्ष्मण जेल से छूट सकता है।'
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लेकिन, सर...' "ये जो तुम इतनी जासूसी कर रहे हो ना, इसको अब बंद करो। मैंने तुम्हारी जान बचाई है, मेरी जान मत लो।'
मेरी जान बचाई? मैंने भला कौन-सा गुनाह किया था?
सर, मैं आपकी लाइफ को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता, मैं केवल यह जानना चाहता हूं कि कातिल कौन है।
और इसके लिए हमें इस मामले की ठीक तरह से तहकीकात करने की ज़रूरत है। एक बेकसूर को जेल में डाल देने
से समस्या हल नहीं होगी।" इंस्पेक्टर ने मेरी और सौरभ की ओर देखा और कंधे उचका दिए।
‘अगर मीडिया को वॉचमैन की बेगुनाही के सबूत मिल जाएं तो क्या होगा?' मैंने कहा।
"तुम मुझे धमकी दे रहे हो?"
'नहीं, मैं बस इतना कह रहा हू कि ऐसा भी हो सकता है।"
"हरामज़ादी, एक हफ्ते पहले तक तुम मेरे सामने हाथ जोड़ रहे थे कि हमें घर जाने दो और आज तुम मुझे
ये रंग दिखा रहे हो? तुम मुझे बता रहे हो कि किसी मामले की जांच कैसे करनी है?"
"नहीं सर, मैं बस इतना ही कह रहा हूं कि हमें असली कातिल का पता लगाना चाहिए और इसमें में आपकी मदद करूंगा।"
"तुम क्या मेरी मदद करोगे, चंदन क्लासेस के एक ट्यूटर सौरभ ने मेरा हाथ दबाया। उसका इशारा था कि अब मुझे चुप रहना चाहिए।
सर, क्या मैं कुछ कह सकता हूँ?' सौरभ ने कहा। “अब तुमको क्या बोलना है? तुम्हारा ये चूतिया दोस्त मुझे जांच करना सिखा रहा है। इसको पता भी है कि
आगे क्या होने वाला है? स्टूडेंट अफेयर्स के डीन ने उस दिन मुझे कितना जलील किया था।'
"कौन?" सौरभ ने कहा। "वो प्रोफ़ेसर सक्सेना। चूतिया साला बोल रहा था कि मैं कैंपस में क्यों घूम रहा हूँ। मैं पुलिस हूं और बो मुझको ऐसा बोल रहा था। वो चाह रहा था कि में तमाम परमिशन लेकर आऊं एचआरडी मिनिस्ट्री को फोन
करने की धमकी दे रहा था। साला, तुम मुझको जांच करना क्या सिखाओगे, पहले उस डीन को जाकर सिखाओ कि पुलिस से तमीज से कैसे बात करते हैं।'
'आप प्रोफ़ेसर सक्सेना से मिले थे? मैंने कहा। 'हां, और जब कॉलेज को ही इस मामले को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है तो हम क्यों मगजमारी
'प्रोफ़ेसर सक्सेना जारा के पीएचडी गाइड भी थे, ' मैंने कहा ।
करें
'तो अब वो मुझे जांच करने से क्यों रोक रहा है? कैंपस में तो मीडिया तो पुलिस की पॉलिसी मुझको क्यों सिखा रहा है?"
"पता नहीं, सर।'
"सुनो ट्यूटर, तुमको क्या लगता है, मुझे यह नहीं मालूम था कि वॉचमैन ने ये नहीं किया है?" 'आपको मालूम था?' मैंने हैरत से कहा।
मैं पंद्रह साल से क्राइम से जुड़ी तहकीकात कर रहा हूं। गुनहगार की आंख में देखकर बता सकता हूं कि
क्या है। वो बॉचमैन ठरकी है, लेकिन क़ातिल नहीं है। तुम्हारा डाटा तो इसी बात को सही साबित करता है।' "तो फिर आपने उसको गिरफ्तार क्यों किया?"
वो
"क्योंकि असली कातिल अभी हमारी गिरफ्त में नहीं आया है। और सभी चाहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द खात्मा हो। टीवी एंकर्स, लोग, सोशल मीडिया, एक्टिविस्ट्स, मेरे सीनियर्स, सभी।"
इंस्पेक्टर राणा उठ खड़े हुए। "देखो, हो सकता है मुझे इस ओवरप्राइस्ट कॉफ़ी के पैसे नहीं चुकाने पड़ते हों, लेकिन इसके बावजूद मुझे
प्रमोशन तो चाहिए। मैं इसका हक़दार हूं। मैं बुरा आदमी नहीं हूं। मैं पता लगाने की कोशिश करूंगा कि कातिल
कौन है, लेकिन तब तक लक्ष्मण को जेल में रहना पड़ेगा।'